रावण से बोले हनुमाना, है नाम राम ही बलवाना,
मेरी बात मान ले रावण तू भी राम शरण में आजा ना,
श्री राम शरण में जानो है तो पूंछ पकड़ ले रे,
राजा.. रावण तेरी मुछ्यां थोड़ी नीची कर ले रे......
राजा होके चोरी कीनी इज्जत करदी ख़ाक,
भूल गयो के तेरी बहिन की लक्ष्मण काटी नाक,
थोड़ा दिन की बात है, रावण खूब अकड़ ले रे,
ओ राजा.. रावण तेरी मुछ्यां थोड़ी नीची कर ले रे......
सीता माता ने हर ले आया कर के धोखाबाजी,
बाली से छुप तो डोले कठे गई रंग बाजी,
बच ना सकेगो रावण जितना पाँव पटक ले रे,
ओ राजा.. रावण तेरी मुछ्यां थोड़ी नीची कर ले रे......
बनवारी कुछ साधु मारया हुओ बड़ो बलबाल,
रिश्तेदारों से मिल ले बस कुछ दिन की बात,
रावण क्यों बे मौत मरे, मेरी बात समझ ले रे,
ओ राजा.. रावण तेरी मुछ्यां थोड़ी नीची कर ले रे......
शरणागत आज्या श्री राम प्रभु की,
बात मेरी मानकर,
है जगत निहन्ता तू भी,
राम चरणा को ध्यान कर,
यो दर तो मोह नशावन है,
श्री राम तो पतित पावन है,
चरणा से दूर क्यों रावण है,
तो राम चरणा को ध्यान कर,
रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीता राम,
सीता राम सीता राम,
भजले रावण सीता राम........