घिरता हूँ जब मुश्किल में,
जब दर्द से दिल भर जाता है,
तब सुनता वो दिल की सदा,
मेरे बिगड़े काम बनता है,
मेरे सर पे उसका साया है,
मैंने तो जब भी बुलाया है,
मेरा राम आ जाता मेरे सामने,
मेरा राम आ जाता मेरे सामने………
मेरे दिल के सब बातो को,
पल पल उसने पहचाना,
ऐसा गहरा नाता,
बिन बोले सब जाना,
वो आँखों को पढ़ लेता है,
मुझे बिन मांगे सब देता है,
मेरा राम आजाता मेरे सामने,
मेरा राम आ जाता मेरे सामने……….
पग पग पर मेरा साथ दिया है,
उसने मुझे संभाला है,
फांसी भवर में जब जब नैया,
उसने मुझे निकला है,
मेरा हर दम हाथ पकड़ता है,
मुझे सबसे प्यारा लगता है,
मेरा राम आजाता मेरे सामने,
मेरा राम आ जाता मेरे सामने……..