एक बार जो रघुवर की,
नजरो का इशारा हो जाये,
तेरी लगन में खो जाऊ,
दुनिया से किनारा हो जाये…….
श्री राम तुम्हारे चरणों मे,
आशीष सभी को मिलता हैं,
यह धूल तुम्हारी मिल जाये,
जीवन का सहारा हो जाये,
एक बार जो रघुवर की,
नजरो का इशारा हो जाये.....
सरकार तुम्हारी महफ़िल में
तक़दीर बनाई जाती हैं
मेरी भी बिंगड़ी बन जाये
एहसान तुम्हारा हो जाये,
एक बार जो रघुवर की,
नजरो का इशारा हो जाये.....
ये श्री राम का मंदिर हैं
भागीरथी गंगा बहती हैं
सब लोग यहाँ पर तरते हैं
भव पार सभी का हो जाये,
एक बार जो रघुवर की,
नजरो का इशारा हो जाये.....