मेरे मन हरि का ध्यान लगा

मेरे मन हरि का ध्यान लगा,
क्यूँ उलझे तू व्यर्थ जगत में, उसका ही बन जा,
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

हरि तेरा ही सच्चा साथी,
सुमिरन कर ले तू दिन राती,
सुमिरन में खो जा...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

छोड़ दे चिंता तोड़ दे बंधन,
हरि चरणों में कर दे समर्पण,
अब ना देर लगा...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

सुमिरन कर ले श्वांस श्वांस में,
हर पल प्रभु है तेरे पास में,
ऐसा भाव बना...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

देख लिया सब जग का बनके,
टूटे कितने संजोए सपने
हरि किंकर बन जा...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥
             
रचना--- स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज
संगीत व स्वर--- Rajkumar Bhardwaj
श्रेणी
download bhajan lyrics (392 downloads)