तू क्या महारथी है
तुझको बचने वाला तेरा सारथी है
माना के तरकश में हर बाण होगा
गांडीव धनुष का तुझको अभिमान होगा
पर मेरी नज़र में तू एक विध्यार्थी है
तू क्या महारथी है ..............
रथवान रथ पर बांके वो भगवन बैठे
ध्वज की पताका पे हनुमान बैठे
वो रक्षक है तेरे और तू शरणार्थी है
तू क्या महारथी है...........
रस्ता मेरा यहाँ अवरुद्ध होगा
भक्त और भगवन का यहाँ युद्ध होगा
देखूंगा तू भी कितना परमार्थी है
तू क्या महारथी है ..........
अन्याय तेरे संग में होने ना देंगे
अर्जुन वो माधव तुझको मरने ना देंगे
कहे तुझसे चंदू लाला बड़ा स्वार्थी है
तू क्या महारथी है ...........