तर्ज : श्याम चूड़ी बेचने आया,
फूल बंगले में, खिली फुलवारी।
गौरी शंकर की, शोभा है न्यारी।।
रस भरे फूलों कलियों पे शबाब है।
खुशबू से भरा, मोतिया गुलाब है।।
महकी महकी गौरां की फुलवारी-गौरी शंकर की शोभा...
ब्रह्मा विष्णु भी , दीवाने शिंगार के।
सुर नर ऋषि-मुनि प्यासे दीदार के।।
छबि तीन लोक से है न्यारी - गौरी शंकर की शोभा...
युगल जोरी के कुर्बान जहान हो रहा।
दर्शन पा करके, आनंद में खो रहा।।
बांकी झांकी लगे बड़ी प्यारी - गौरी शंकर की शोभा...
साज़ बाज रहे, भगत नाच रहे।
शिव भवानी के, जयकार गाज रहे।।
लगी रौनक “मधुप” बड़ी भारी-गौरी शंकर की शोभा...