ओ भोले भंडारी,
असुरारी त्रिसरारी,
मैं डगर पे अगर,
तेरी चलता रहूँ,
है ये मुमकिन के तुम,
मुझपे किरपा करो,
अपने सेवक से स्वामी,
कब रहे दूर है,
जब पुकारा करू,
शम्भू आया करो,
बड़ी हलचल है,
ये मन चंचल है,
बड़ी हलचल है,
ये मन चंचल है,
तुम ही बताओ कैसे,
वश में करू,
मैं डगर पे अगर,
तेरी चलती रहू,
है ये मुमकिन के तुम,
मुझपे किरपा करो,
अपने सेवक से स्वामी,
कब रहे दूर है,
जब पुकारा करू,
शम्भू आया करो,
बड़ी हलचल है,
ये मन चंचल है,
बड़ी हलचल है,
ये मन चंचल है,
तुम ही बताओ कैसे,
वश में करू,
मैं डगर पे अगर,
तेरी चलती रहू,
है ये मुमकिन के तुम,
मुझपे किरपा करो।
बम भोले भंडारी,
कैलाशी अविनाशी,
तुम्ही दुनिया के दाता हो,
पिता हो तुम ही माता हो,
सखा और बंधू भी तुम हो,
तुम्ही महेश्वर,
तुम्ही हो भोले भंडारी,
करो नंदी की सवारी,
तुम्ही कैलाशी अविनाशी,
तुम्ही योगेश्वर,
सहारा दे उभारा दे,
मेरी कश्ती को किनारा दे,
मैं सदा तेरी रहमत,
पे पलता रहू,
है ये मुमकिन के तुम,
मुझपे किरपा करो,
ओ भोले भंडारी,
असुरारी त्रिसरारी।
है चर में तू अचर में तू,
निशाचर और सुर में तू,
तेरी सत्ता के बिन पत्ता,
ना हिल पाता है,
है व्याली तू कपाली तू,
भरे झोली भी खाली तू,
तेरे दर पे जो श्रद्धा से,
चला आता है,
बुरे होंगे भले होंगे,
तेरी राह पे चले होंगे,
मैं बुरी संगतो से संभलता रहू,
है ये मुमकिन के तुम,
मुझपे किरपा करो,
अपने सेवक से स्वामी,
कब रहे दूर है,
जब पुकारा करू,
शम्भू आया करो।