हे श्यामा गजब गाव महिनाम,
जाहि में आहाँ बिराजी मां....
पूरब दिस माँ दुर्गा बिराजी,
चन्द्रेस्वर छैथ संग।
पच्छिम बाबा भूत नाथ छैथ,
पार्वती के संग।।
ओहू ठाम अहि विराजी माँ....
उत्तर में माँ काली बिराजी,
बाबा बालेस्वर नाथ।
दक्षिण हरिहर खूब सजल छैथ,
गौरी दाई के नाथ।
चारु दिस अहि बिराजी माँ....
सीताराम जी के मंदिर चमके,
गाम बीच बजरंग बली बास,
बुरहा बाबा ब्रम्ह बाबा जी सबके,
पूर्ण करै छैथ आस।
सब मिल आहाँ के मनाबी माँ....
धूप गूगल स मंदिर गमकै,
अड़हुल माला लाल,
अद्भुद रूप भक्त सब निरखैथ,
सबके करू निहाल।
प्यासा भजन सुनाबै माँ.....