गाँव गली सब चमक रही है,
मैया की किरपा बरस रही है,
गाँव गली सब चमक रही है,
मैया की किरपा बरस रही है,
देखो मेरी मैया के नज़ारे,
चमक रहे आँखों के तारे,
देखो मेरी मैया के नज़ारे,
चमक रहे आँखों के तारे....
चेत्र कुवार में मैया रानी,
चल के भगत घर आये महारानी,
भगतो के भाग्य सँवारे,
देखो जी मेरे माँ के नज़ारे,
देखो जी मेरे माँ के नज़ारे,
चमक रहे आँखों के तारे.....
दादुर मोर पपीह बोले,
नाचे मयूर मगन मन डोले,
नाचे हैं भक्त देखो सारे,
देखो जी मेरे माँ के नज़ारे,
देखो जी मेरे माँ के नज़ारे
चमक रहे आँखों के तारे.....
वेद पुराण तेरे गुण गाये,
आज ‘सत्येन्द्र’ भी महिमा गाये,
‘देवेन्द्र’ को माँ पार उतारे,
देखो जी मेरे माँ के नज़ारे,
देखो जी मेरे माँ के नज़ारे,
चमक रहे आँखों के तारे……..