हे नन्द नंदन,
करते है वंदन,
दे दो थोड़ा प्यार,
कन्हैया आया तेरे द्वार,
कन्हैया आया तेरें द्वार॥
तीनों लोक के अंतर्यामी,
राधा जी के तुम हो स्वामी,
मुझ निर्बल के काज सवारों,
मुझ निर्बल के काज सवारों,
कर दो भव से पार,
कन्हैया आया तेरें द्वार,
कन्हैया आया तेरें द्वार॥
पूजा भक्ति मैं नहीं जानू,
अपना सब कुछ तुमको मानु,
मन मंदिर में आन विराजो,
मन मंदिर में आन विराजो,
कर मेरा उद्धार,
कन्हैया आया तेरें द्वार,
कन्हैया आया तेरें द्वार॥
‘शर्मा’ तू भी श्याम रिझा ले,
सोई किस्मत अपनी जगा ले,
प्रेम भाव से ‘संजय’ गा कर,
प्रेम भाव से ‘संजय’ गा कर,
कर ले प्रभु से प्यार,
कन्हैया आया तेरें द्वार,
कन्हैया आया तेरें द्वार.....