सेठां का यो सेठ कुहावै
दीनां का दातार,
यो खाटू का सरदार,
मेरा सांवरिया सरकार ॥
हारे नैं वो जीत दूआवै,
मेरा दानी दीन दयाल,
पल में बिगड़े काम बनावै,
मेरा श्याम धणी दातार,
खाटू माई लगै कचहरी,
लखै दिल यो लखदातार
यो खाटू का सरदार.......
भगतां पै जद भीड़ पड़ै,
आवै लीले चढ़ सरकार,
तुरता फुर्ती काम बनावै,
मेरे जग का सर्जनहार,
मौर्विनंदन श्याम सैं मेरे, लीले के असवार,
यो खाटू का सरदार.....
कारोबार यो सेठ सै देखै,
मैं तो भजन ही गाऊं,
दुनिया जल जल कर मर जै,
मैं तो श्याम नाम गुण गाऊं,
‘अनिल रजनीश’ की किस्मत लिखै,
मेरा सांवरिया दिलदार,
यो खाटू का सरदार.....