तर्ज : बिणजारी ए हंस हंस बोल
साँवरिया न मनड़े री बोल
दिल स्यूं तू बोल
भजना स्यूं बोल
संकट कट ज्यासी
साँवरिया रो ध्यान मन में
कर तू आठों याम
खोट कपट मन स्यूं निकालो
धरो प्रभु रो ध्यान
चिंता मिट ज्यासी
साँवरिया न मनड़े री बोल दिल स्यूं तू बोल भजना स्यूं बोल
संकट कट ज्यासी
भाव भजन तू सांवरा रा
करले चित लगाय
मन इच्छा थारा काम बणेला
सारा कष्ट तमाम
दुखड़ा मिट ज्यासी
साँवरिया न मनड़े री बोल
दिल स्यूं तू बोल
भजना स्यूं बोल
संकट कट ज्यासी
जोत जगाकर बाबा कि तू
करले रे गुणगान
"लालो" थारे शरणा आयो
राखिज्यो बाबा ध्यान
किरपा हो ज्यासी
साँवरिया न मनड़े री बोल
दिल स्यूं तू बोल
भजना स्यूं बोल
संकट कट ज्यासी
साँवरिया न मनड़े री बोल
दिल स्यूं तू बोल
भजना स्यूं बोल
संकट कट ज्यासी
"जय श्री श्याम "