मेहँदी लगवालो जी मिल कर सारे श्याम नाम की,
किरपा हो जायेगी पल भर माहि बाबा श्याम की.
मीरा बाई ने ये मेहँदी लगाई ऐसी रची मेहँदी गिरधर में समाई.,
छोड़ दी जिंदगानी मीरा जी ऐशो आराम की,
किरपा हो जायेगी पल भर माहि बाबा श्याम की.
कर्मा बाई ने ये मेहँदी लगाई,
ऐसी रची हाथो से खीचड़ो खिलाई,
थाली छप्पन भोग की बोलो भाया किस काम
किरपा हो जायेगी पल भर माहि बाबा श्याम की.
नरसी नानी ने मेहँदी रचाई,
सवाल शाह बना के इनको भात भराई,
क्या तारीफ करू मैं माये रे के इंतजाम की,
किरपा हो जायेगी पल भर माहि बाबा श्याम की.
श्याम बहादुर अल्लू सिंह ने रचाई,
इनकी छवि निज मंदिर में लगाई,
इनकी खुशबु से मिटी महके है खाटू धाम के,
किरपा हो जायेगी पल भर माहि बाबा श्याम की.
इस मेहँदी का कभी रंग उतरे न,
जिस ने लगाई दूजा रंग चढ़े न,
इक बात मन के देखो राधे इस श्याम की,
किरपा हो जायेगी पल भर माहि बाबा श्याम की.