भोला नही माने रे नहीं माने,
मचल गए भंगिया को……
पिस पिस के गौरा हारी ,
भांग खावे शिव त्रिपुरारी,
हो देखो हो गये नशे में दीवाने,
मचल गए भंगिया को…….
कहे गौरा से शिव भोला,
थोड़ी भंगिया तो पीसो ना,
कहे भोला से माँ गौरा,
कैसे गांजा तो खिचो ना,
तुम्हे देख जिया लगे घबराने,
मचल गए भंगिया को……
सारे मना मना हारे,
पर बात नही मानी,
ज्यादा भांग धतूरे से,
पिया होती है नुकसानी,
गौरा शिव को लगी है समझाने,
मचल गए भंगिया को……
भोला नही माने रे नहीं माने,
मचल गए भंगिया को……