मैं बही दीवानी तेरे नाम की तन में बस्म रमा लुंगी,
एह उमा पति भोला शंकर मैं अपना तुझे बना लुंगी,
मेरा सूट जोगीरा मल मल का,
हय भीग गया गंगा जल में,
इतने नाजुक है पैर मेरे फिर भी पौंची हु चल चल के,
इस पतित पावनी गंगा से,
अपने शिव को नेहला दूंगी,
एह उमा पति भोला शंकर मैं अपना तुझे बना लुंगी,
तेरे जटा जुट पे चंदा सा,
निर्मल मेरी भक्ति गंगा सा,
हे सती पति संताप हरो,
न दूर करो मुझे पास रखो,.
चदे भंग सा बई भावली,
तुझमे खुद को खपा लुंगी,
एह उमा पति भोला शंकर मैं अपना तुझे बना लुंगी,
शंकर कंकर देखू हर हर बम बम का नाम जपु,
पूजा पुनीत संग थाल लिए,
बेहाल खड़ी क्या हाल कहू,
ॐ नमः शिवाये ॐ नम शिवाये,
शिव सांसो में बसा लुंगी,
एह उमा पति भोला शंकर मैं अपना तुझे बना लुंगी,