फागण का रंग चढ़ा

फागणिये का रंग चढ़ा फिर मस्ती बरसेगी वहां,
जहाँ है सांवरा...

फागण के मेले भक्तों के रेले झूम झूम आने लगे हैं,
लहराती दिखे श्याम ध्वजाएं तो मौसम सुहाने लगे हैं,
लगे जय जयकारे श्री श्याम तुम्हारे गूंजेगी गली और द्वारे,
फागणिये का रंग चढ़ा फिर मस्ती बरसेगी वहां,
जहाँ है सांवरा....

रंग भी ले लो गुलाल भी ले लो केसर से भर लो पिचकारी,
श्याम धणी संग भक्ति के रंग से खेलन की कर लो तैयारी,
आई भक्तों की बारी है इच्छा हमारी तुम्हे रंग देंगे सांवरिया,
फागणिये का रंग चढ़ा फिर मस्ती बरसेगी वहां,
जहाँ है सांवरा....

पचरंगी पेचा केसरिया बागा लाल लाल मिल के करेंगे,
श्याम धणी से नज़रे मिली तो हर बात दिल की कहेंगे,
खाटू में आके शीश झुका के पाएंगे प्यार तुम्हारा,
फागणिये का रंग चढ़ा फिर मस्ती बरसेगी वहां,
जहाँ है सांवरा....

जैसा नज़ारा खाटू में देखा कहीं और देखा नहीं है,
मांगने जो आता श्याम के दर पे खाली वो जाता नहीं है,
अबकी फागण में ले लो झोली को भर लो,
वंशु हर हारे का ये सहारा,
फागणिये का रंग चढ़ा फिर मस्ती बरसेगी वहां,
जहाँ है सांवरा ..............
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