ये प्रीत तुम्हारी श्याम

ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है,
हम बुला बुला हारे तुम्हे लाज ना आती है॥
ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है।

हम तो तुझे याद करे तुम हमको बिसरादो,
हम तुमको ना बिसराए तुम हमको ठुकरा दो,
क्यों तड़पाते हो हमे तुम बनाके साथी है,
ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है॥

फिरत फिरत आंखे ये पलकें भी दुखने लगी,
नही नींद हमे आती ये रात भी ढलने लगी,
कैसे निर्मोही तुम ये रात बताती है,
ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है॥

जब हम सो जाते है तुम दौड़े आते हो,
हम आँख दिखाते जब तुम हस के दिखाते हो,
कैसी ये प्रीत तेरी हमे समझ ना आती है,
ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है॥

एक भक्त पुकारा था तुझे जाना से प्यारा था,
उसे लगन थी एक तेरी एक तेरा सहारा था,
नरसी था नाम उनका, थी भक्ति साँची है,
ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है॥

ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है,
हम बुला बुला हारे तुम्हे लाज ना आती है,
ये प्रीत तुम्हारी श्याम हमे नही पोसाती है.......
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