पेहले तू खाटू जाएगा 
फिर श्याम से नैन मिलाएगा 
खुद को घुमा घुमा तू पायेगा 
कीर्तन में नाचे गा गाये गा 
थोडा पागल सा भी हो जाएगा 
खाटू नगरी नही जादू नगरी है,
जब लौट के घर को आएगा 
हर और तू  श्याम को पायेगा 
तेरा जीना मुशकिल हो जाएगा 
नींदों में श्याम ही श्याम चिलायेगा 
दीवाना श्याम भक्तो सा हो जाएगा
खाटू नगरी नही जादू नगरी है,
फिर जब भी खाटू आएगा 
दो यार को संग में लाएगा 
पप्पू शर्मा की बात दोहराए गा 
तराने श्याम नाम के गायेगा 
हर पल श्याम को तू चाहे गा 
खाटू नगरी नही जादू नगरी है,