हार गया मैं सांवरे मुझे तू ही संभाले 
बीच भंवर में फांसी है नैय्या तू ही निकाले 
हर गया में सांवरे ............
रिश्ते नाते निभाते निभाते थक सा गया हूँ
आके तेरे इन चरणों में रुक सा गया हूँ 
बांह पकड़ के मुझको अपने चरणों से लगा ले 
हर गया में सांवरे ............
सुख में सारे साथ खड़े थे मेरे अपने 
दुःख का बादल छाने लगे तो टूटे सपने 
बांह पकड़ के सांवरे मुझको चलना सिखा दे 
हर गया में सांवरे ............
मुझको छोड़ा है अपनों ने ग़म ही नहीं है 
मेरे सर पे हाथ तेरा ये कम ही नहीं है 
राज मित्तल को भी बाबा अपना बना ले 
हर गया में सांवरे ............