राम के गीत सुनाते चलो,
सोते हुओं को जगाते चलो।
परम पिता के परमेश्वर के
चरणों में शीश झुकाते चलो।।
मुझमें तुझमे इनमे उनमें,
सबमे राम समाया है।।
जिसने जितना खोजा उसको,
उसने उतना पाया है।।
एक यही सच बताते चलो।।
राम के गीत सुनाते चलो,
सोते हुओं को जगाते चलो।
मत ठुकराओ किसी दीन को।
सबमे उसका भान करो ।।
ऊँचा नीचा बड़ा या छोटा,
सबका तुम सम्मान करो।।
हम सब एक हैं गाते चलो।।
राम के गीत सुनाते चलो,
सोते हुओं को जगाते चलो।
जीवन का आधार प्रेम है,
प्रेम के गीत सुनाना है।
बैर रहे न कोई किसी का,
सबको मीत बनाना है।।
राजेन्द्र ये समझाते चलो।।
राम के गीत सुनाते चलो,
सोते हुओं को जगाते चलो।
परम पिता के परमेश्वर के
चरणों में शीश झुकाते चलो।।
गीतकार/गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी