कब आओ गे राम हमारे,
वो बात निहारी नैना थक हारे,
कब आओ गे राम हमारे,
चौदहा वर्ष बीत चुके है,
पलको पे आंसू आके रुके है,
अवध पुकारे आज दुलारे आजा कौशलया के प्यारे
कब आओ गे राम हमारे,
राज त्याग के गये वन मासी,
नगरी अयोध्या छाई उदासी,
पुरे उदासी कर वन वासी हर कोई बात निहारे,
कब आओ गे राम हमारे,
घर घर सब ने दीप जलाये ,
राहो में तेरी नैना बिछाये,
कोमल नैना लागे वेहना आशा का दीप जला जा रे,
कब आओ गे राम हमारे,