आज मेरे भोले की शादी है,
शिव चौदस की रात को हर कोई बना बराती है,
आज मेरे भोले की शादी है॥
बजे ढोल ढोलक डम डमरू बाजे शंख नगाड़े,
शिव विवाह का लगा है मेला गूँज रहे जयकारे....-2
नगर नगर और डगर डगर में लगी मुनादी है,
आज मेरे भोले की शादी है॥
कोई झूमे कोई नाचे गाए कोई बजाए बाजा,
सज धज कर नंदी पर बैठा कैलाशी का राजा....-2
भांग धतूरे की मस्ती ने सुद्ध बिसरा दी है,
आज मेरे भोले की शादी है॥
शिव कैलाशी रूप निराला गौरा के मन भाया,
गौरा अपनी सुद्ध बुध खोकर डाल रही वरमाला...-2
ऐसी जोड़ी पर हम सब जाते बलहारी हैं,
आज मेरे भोले की शादी है॥