तर्ज:- नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा बजा
फिर से फागण आ गया है हो जाओ तैयार,
खाटू में जाकर देखेंगे मेले की बहार,
ज़ोर से खाटू वाले का जयकारा तू लगा,
नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा बजा.....
आसमान तक लहरायेंगे श्याम निशान हज़ारों,
नहाए धोय कर श्यामआरती पहले इनकी उतारो,
बाबा मेरा खुश हो जाए ऐसा दो सजा,
नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा बजा.....
पूरे रस्ते पैदल पैदल इसकी महिमा गाओ,
खाटू में निशान चढ़ाकर मन चाहा वर पाओ,
ज्योत जगाकर श्यामधणी की ग्यारस रात जगा,
नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा बजा.....
चंग बजालो घूमर घालो करलो खूब धमाल,
श्याम कहे मेरे श्यामधणी को करदो लालो लाल,
कोई ना बाक़ी रह जाए सारी दुनिया को नचा,
नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा बजा......