मैंने सौंपी है जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगो से हमने सुना है हरदम तुहि देता है हारे का साथ,
मैंने सौंपी है जीवन की....
मेरे दोनों हाथ तेरे आगे क्या है कमी इनमे तू बतलादे,
क्या वो लकीर नहीं है क्या वो तकदीर नहीं है,
क्या हो नराज, मैंने सौंपी है जीवन की...
इन हाथो को तेरी है दरकार मेरे पीछे है पूरा परिवार,
नैया मझदार फसी है तेरे होठो पे हसी है क्यों दीना नाथ,
मैंने सौंपी है जीवन की.....
जिस ने दिया उसे खूब दिया है श्याम मुझसे क्या इन्साफ किया है श्याम,
क्या उनके हाथ है जय्दा क्या फिर औकात है जय्दा बतलादो बात,
मैंने सौंपी है जीवन की......
भक्तो से है क्यों मुख मोड़ लिया या तकदीर बदलना छोड़ दिया,
कहता दमन न छूटे ये भरोसा न टूटे रख लेना बात,
मैंने सौंपी है जीवन की......