सुख हो या दुःख हो तेरा शुक्र मनाऊं
सर झुकाके मेरे श्याम तुझे दिल की सुनाऊँ
अच्छे चाहे बुरे तू हालात में रखना
मुझे मेरे सांवरे औकात में रखना
हर समय बाबा तेरा शुक्र मनाऊं मैं
सुख हो या दुःख हो तुझे ना भुलाउं मैं
झुका रहे सर जज़्बात में रखना
मुझे मेरे सांवरे औकात में रखना
रुतबा ना मांगता मैं ओहदा नहीं मांगता
बाबा मैं दीवाना तेरे सेवकों के साथ का
मुझे सेवादारों की कतार रखना
मुझे मेरे सांवरे औकात में रखना
हक़ हलाल वाली रूखी सुखी खाऊं मैं
जब कुछ पाऊं श्याम और झुक जाऊं मैं
प्रिंस का सादापन हर बात में रखना
मोना का सादापन हर बात में रखना
मुझे मेरे श्याम औकात में रखना
मुझे मेरे सांवरे औकात में रखना