श्री राम जी का डंका लंका में बजवा दिया बजरंग बाला ने,
बजवा दिया बजरंग बाला ने, बजवा दिया अंजनी के लाला ने,
श्री राम जी का डंका....
कहत मंदोदर सुन पिया रावण यह क्या कुमत कमाई रे,
तीन लोक की सीता माता क्यों हर करके लाया रे,
श्री राम जी का डंका...
मेघनाथ सा पुत्र हमारे कुंभकरण सा भाई रे,
लंका जैसा कोट हमारा सात समुंदर खाई रे,
श्री राम जी का डंका....
एक लाख पूत सवा लाख नाती ता घर दिया ना बाती रे,
यह लंक विध्वंस कराई रे सब सेना मार गिराए रे,
श्री राम जी का डंका....
रावण मार राम घर आए घर घर बटत मिठाई रे,
सुर नर मुनि जन आरति उतारे तुलसीदास यस गायी रे,
श्री राम जी का डंका.....