भरके आंखो में आंसू कहा राम ने,
बात बजरंग मेरी बिगड़ जाएगी,
सुबह होने से पहले ना आए अगर,
भाई लक्ष्मण की दम तो निकल जाएगी॥
लाज रखनी अगर तुमको रघुवंश की,
सुबह होने से पहले बूटी ले आइए,
हे पवनपुत्र आने में देरी हुई,
मेरे हंसों की जोड़ी बिछड़ जाएगी,
भरके आंखो में आंसू कहा राम ने.....
मुख कैसे अवध में मैं दिखलाऊंगा,
पूछे माता तो क्या उनको बतलाऊगा,
सुरजो पाए अरे ये अगर उर्मिला,
सुनते सुनते ही गस खाके मर जाएगी,
भरके आंखो में आंसू कहा राम ने.....
देखो पूर्व में लाली यह दिखने लगी,
सूर्य के गर्व से रात जाने लगी,
तारे छुपने लगे हो उजाला गया,
अब पवन पुत्र बूटी नहीं आयेगी,
भरके आंखो में आंसू कहा राम ने.....
राम आंसू बहाते पवन की तरह,
लौट आए पवन सुत हवा की तरह,
गोटी घोटी पिलाई लखन को गई,
लंका सोने की मिट्टी में मिल जाएगी,
भरके आंखो में आंसू कहा राम ने.....