भीलनी तेरे घर आवे भगवान आज तू सोईयो मत ना री....
भोर भऐ तु कुटिया झाड़ियों,
कुटिया झाड़ियों अंगना लिपईयो,
भीलनी फटकार विछईयों खाट, खाट पर सोईयो मत ना री,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....
जल्दी उठो गंगाजल लइयो,
गंगाजल को ढक कर लईयो,
भीलनी तु दो ही पीजों घूंट, तीसरा पीजो मत ना री,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....
जल्दी उठीयो बागो जईयो,
भर दलिया फूलों की लईयो,
भीलनी तु दो ही बनईयो हार, तीसरा बनईयो मत ना री,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....
जल्दी उठीयो बागो जीयो,
भारत दलिया बेरों की लईयो,
भीलनी तु चख चख रखीयो बेर, बेर को धोईयो मत ना री,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....
राम लखन कुटिया में आए,
भीलनी ने आसन बैठाए,
भीलनी तु मांगन होए सोई, मांग आज शरमईयो मत ना री,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....
सारा जीवन वन में बीता,
जप रही माला पढ रही गीता,
भगवान कर दो भव से पार, आज शकुचईयो मत ना रे,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....
वन की सखियां मेरे घर आ जाओ,
अपना जीवन सफल बनाओ,
बहना मैं तो आज तजुगी प्राण, आज तुम जइयो मत ना री,
भीलनी तेरे घर आवे भगवान.....