बैठे जिनके हिर्दय के अंदर राम लखन और जानकी,
राम दुलारे सिया के प्यारे जय बोलो हनुमान की,
अपने हिर्दय में सीता राम को बिठाया है,
दर्शन कराये सीना फाड़ के दिखाया है,
ऐसा सेवक कही न होगा बात बताओ ज्ञान की ,
राम दुलारे सिया के प्यारे जय बोलो हनुमान की,
लांग के समुन्दर पहुंचे सिया सुध लाये थे,
श्री राम जी के बिगड़े काम सब बनाये थे,
रही जानकी की बस चिंता छोड़ी अपनी जान की,
राम दुलारे सिया के प्यारे जय बोलो हनुमान की,
चरणों की रज को रजो सिर पे लगाए गा,
हनुमान जी के भप्पा भजन गीत गाये जा,
चारो युग परताप बताती जनता हिन्दुस्तान की,
राम दुलारे सिया के प्यारे जय बोलो हनुमान की,