माँ के पावन नवरात्रो में, माँ की ज्योत जलाएंगे,
ओढ़ चुनरियाँ मईया आयी, माँ के दर्शन पाएंगे।।
लाल चुनरियाँ ओढ़ के मईया आएगी जब मेरे अंगना,
माँ के चरणों से लिपटूंगा, पूरा करेगी मेरा सपना,
कन्या रूप में माँ को पूजकर,
माँ का भोग लगाएंगे, माँ की ज्योत जलाएंगे,
ओढ़ चुनरियाँ मईया आयी, माँ के दर्शन पाएंगे।।
लांगुर ठुमक ठुमक कर नाचे, शिव शंकर का डमरू बाजे,
चारो दिशाओ में ये शोर है, नारद जी की वीणा वाजे,
ब्रह्मा विष्णु मिल कर के सब, मईया के गुण गाएंगे,
ओढ़ चुनरियाँ मईया आयी, माँ के दर्शन पाएंगे।।
माँ के पावन नवरात्रो में, माँ की ज्योत जलाएंगे,
ओढ़ चुनरियाँ मईया आयी, माँ के दर्शन पाएंगे.......