शीश शशी और जटाओं में गंग है,
मेरा भोला बड़ा ही मस्त मलंग है....
एक में त्रिशूल डमरू है दूजे हाथ,
भस्म लगाता है जो अपनी गात,
धूनी रमाता जो अघोरियों संग है,
मेरा भोला बड़ा ही मस्त मलंग है,
शीश शशी और जटाओं में गंग है,
मेरा भोला बड़ा ही....
करता नंदी सवारी रखता नाग साथ,
बड़ा ही अनोखा है मेरा भोला नाथ,
देख देख जिसको देव देव दंग है,
मेरा भोला बड़ा ही मस्त मलंग है,
शीश शशी और जटाओं में गंग है,
मेरा भोला बड़ा ही....
जिसके सर धर दिया भोले ने हाथ,
उसका निभाया है सदा ही साथ,
बिल्व बेल और चढ़ाया धतूरा संग है,
जिसको भाया भक्ति का यही ढंग है,
मेरा भोला बड़ा ही मस्त मलंग है,
शीश शशी और जटाओं में गंग है,
मेरा भोला बड़ा ही....