कैलाशवासी हो बम भोला,
तुम अविनाशी हो बम भोला,
डमरू बजैया हो बम भोला,
जग के रचैया हो बम भोला।
दीनबंधु, करुणा सिंधु, कष्ट हर्ता हो तुम,
जब भी चमत्कार करते हो,
गागर में सागर भरते हो।
दीनबंधु, करुणा सिंधु, कष्ट हर्ता हो तुम,
तुम ही तो नाग माला वाले हो,
भक्तो के तुम रखवाले हो।
निर्बल को बल, प्यासे को जल,
देते तुम हो,
भोले...
हर भक्त को मनचाहा फल,
देते तुम हो,
भोले...
निर्धन को धन, सुख के रतन,
देते तुम हो,
भोले...
श्रद्धा भजन, सच्ची लगन,
देते तुम हो,
भोले....
करता धर्ता हो तुम,
सारे संसार के,
डमरू वाले भोलेनाथ।
कैलाशवासी हो बम भोला
तुम अविनाशी हो बम भोला
दीनबंधु, करुणा सिंधु, कष्ट हर्ता हो तुम
जब भी चमत्कार करते हो
गागर में सागर भरते हो।
चिंतामणि बन चिंता सभी की हर्ते,
तुम हो...
और हमे तो मजधार से भी करते,
तुम हो....
ये ही है कामना, हाथ ये थामना,
डमरू वाले भोलेनाथ।
कैलाशवासी हो बम भोला,
तुम अविनाशी हो बम भोला,
डमरू बजैया हो बम भोला,
जग के रचैया हो बम भोला।
दीनबंधु, करुणा सिंधु, कष्ट हर्ता हो तुम,
जब भी चमत्कार करते हो,
गागर में सागर भरते हो,
दीनबंधु, करुणा सिंधु, कष्ट हर्ता हो तुम।