भोले के हम दीवाने है,
गंगा जल से भर के गागर लाये शिव को चडाने है
भोले के हम दीवाने है
और नही कोई दूजा ऐसा जैसे भोले भाले वो
देवो की खातिर हस हस पे गे विष के प्याले वो
निर्बल और निर्धन की खातिर खोले अपने खजाने है
भोले के हम दीवाने है
जिसने जैसा वर माँगा है कभी नही इनकार किया
डूबने वालो को मेरे शिव ने पल में भव से पार किया
देवो में महादेव कहे सारी दुनिया ये माने है
भोले के हम दीवाने है
सावन मॉस में भोले शंकर द्वार दया के खोले गे,
जाए शिव की शरण में हम भी हर हर बम बम बोले गे,
सुमा भाव से ज्योत जगा के आये शिव को मनाने है
भोले के हम दीवाने है