जिसने तेरे दर पे शीश झुकाया,
उसको तूने अपने गले लगाया,
क्या क्या तूने उसको नहीं दिया है,
जिसने भी दिल से कहा है,
मेरी बगिया के रखवाले श्याम खाटूवाले.....
जबसे मिला है तेरा ठिकाना,
आसान हुआ है जीवन चलाना,
रहती थी पहले मुश्किल बड़ी ही,
पर अब मिला खुशियों का खज़ाना,
तू खोले बंद किस्मत के ताले,
बगिया के रखवाले श्याम खाटूवाले.....
केहड़े जो इक बार तुझसे कन्हैया,
बन जाता है तू उसका खिवैया,
कैसी भी लहरें कैसी भी मुश्किल,
छू भी नहीं सकती उसको नैया,
जब सांवरा खुद उसको संभाले,
बगिया के रखवाले श्याम खाटूवाले......
जब सारी दुनिया हो तेरे विपरीत,
आना शरण श्याम की हो समर्पित,
राजू पे गुज़री है ये हकीकत,
श्याम सहारा कर देगा हर्षित,
बोल तो दे एक बर बावले,
बगिया के रखवाले श्याम खाटूवाले,
मेरी बगिया के रखवाले श्याम खाटूवाले......