जब जब मुझको श्याम तेरी दरकार पड़ी,
तू लीले चढ़ कर आया लेकर मोरछड़ी,
ना जानू क्या श्याम से मेरा नाता,
क्यों मुझे बचाने संवारा ही आता है,
विपदा आये चाहे मुझ पर बड़ी बड़ी,
तू लीले चढ़ कर आया लेकर मोरछड़ी,
आँख के आंसू श्याम देख न पाता है,
अपनी पर आ जाए कला को खाता है,
संवारिये की छवि मुझे लगे है हरी
तू लीले चढ़ कर आया लेकर मोरछड़ी,
भुला भटका जो खाटू आ जाता है,
मेरा सांवरियां फिर उसको गले लगता है,
राहुल तुझपे किरपा श्याम की बरस पड़ी,
वो आ गया आ गया लेकर मोरछड़ी