हम बालक हैं तेरे यूँ तड़पाया ना करो,
सजा है दरबार देर लगाया ना करो,
दर्शन खातिर भक्तों को सताया ना करो,
सजा है दरबार देर लगाया ना करो……
फूल कलकत्ते से ल्याए शीश तेरे खूब सजवाये,
चूरमो जाटणी ले आई छप्पन भोग भी लगवाए,
आऊं सु कहके बहाना बनाया ना करो,
सजा है दरबार देर लगाया ना करो……
आज तेरी ज्योत जलवाई मिलान की रात है आई,
भजन चोखे सुनावांगे कसम ये आज है खाई,
लीले चढ़ आओ भूल जाय ना करो,
सजा है दरबार देर लगाया ना करो…
आज हम हाथ उठाएंगे, भर भर ताली बजायेंगे,
कीर्तन में आना श्याम, तुझे सीने से लगाएंगे,
संदीप बोले सांवरिया ललचाया ना करो,
सजा है दरबार देर लगाया ना करो….