ओ पुरना मैया हमारे घर आ जियो,
जो है रुखा सुखा के भोग लगा जियो,
नवरातन की वेला आई हर एक मनवा खुश है बाई,
संग लंगूर के आके तू मन बेहला जियो,
ओ पुरना मैया हमारे घर आ जियो......
लाल चुनर तेरे सेर पर उड़ा के चाँद सी बंदी माथे लगा के,
माँ से माँ है प्यारी सभी को बतला दियो,
ओ पुरना मैया हमारे घर आ जियो......
तेरे लिए मैं क्या क्या लाऊ,बस जो चले जग चरणों में लाऊ,
सतविंदर को जनम में अपने बिठा दियो,
ओ पुरना मैया हमारे घर आ जियो.......
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