बड़ी दूर से आया हु माँ कहने दिल की बात लाज रखो मेरी माँ,
मैं तो हु दीन अनाथ कहा से तुम हो दीना नाथ,
लाज रखो मेरी माँ,
गम के थपेड़ो से दाती मैं हारा हु,
अपनों में रह कर भी मैं बेसहारा हु,
तम से कुछ भी न छिपे है माँ मेरे हालत लाज रखो मेरी माँ,
बड़ी दूर से आया हु माँ......
दुनिया की आँखों में चुबने लगा हु मैं,
अपने ही साये से डरने लगा हु मैं,
आँखों से भी होने लगी अब अकशो की बरसात लाज रखो मेरी माँ,
बड़ी दूर से आया हु माँ.....
अब छोड़ के दर तेरा तू बोल कहा जाऊ,
मेरी जीवन नैया को अब छोड़ चला जाऊ,
भक्तो के सिर पर रखदो मैया अब ये दोनों हाथ लाज रखो मेरी माँ,
बड़ी दूर से आया हु माँ...
माँ जान कर भी तू चुप चाप बेठी है,
कह दे के मियाँ कैसी ये लीला है,
रन्जन की सुन मियाँ तेरा ये लाल पुकारे जी लाज रखो मेरी माँ,
बड़ी दूर से आया हु माँ