जन्म जब जेल में पाया सुदर्शन चक्र धारी ने,
ज्ञान माता को समझाया सुदर्शन चक्र धारी ने.....
रात भादो की अंधियारी अष्टमी आई बुधवारी,
डंका बारह का बजवाया सुदर्शन चक्र धारी ने,
जन्म जब जेल में पाया.....
देवकी मन में हरसाए देवता फूल बरसाए,
चतुर्भुज रूप दिखलाया सुदर्शन चक्र धारी ने,
जन्म जब जेल में पाया.....
गगन में बज रहे बाजे नगाड़े शंख भी बाजे,
फैलाई जेल में माया सुदर्शन चक्र धारी ने,
जन्म जब जेल में पाया.....
देख माता को दुखारी करें कृपा यूं बनवारी,
रस्ता गोकुल का बतलाया सुदर्शन चक्र धारी ने,
जन्म जब जेल में पाया.....
भजन कर कृष्ण का चिंतन सफल होगा तेरा जीवन,
ज्ञान भक्ति का बतलाया सुदर्शन चक्र धारी ने,
जन्म जब जेल में पाया.....