सांवरे का ये दर है बड़ा नाम भर,
सिर झुकाये हुए बस चले आइये,
पड़ गई अगर नजर जाइये गा सवर
सिर झुकाये हुए बस चले आइये,
सांवरे का ये दर.....
जिनके दिल में कन्हियाँ की तस्वीर है,
उनसे रूठी कभी भी न तकदीर है,
साथ है ये अगर क्यों करे हम फ़िक्र,
सिर झुकाये हुए बस चले आइये,
इनके जैसा यहाँ में ना दूजा कोई,
विष को अमृत बनाते है पल में यही,
आये हार कर जाए जीत कर,
सिर झुकाये हुए बस चले आइये,
सब से रिश्ता निभाया है संजू यहाँ,
श्याम से भी तो रिश्ता निभा लीजिये,
श्याम किरपा से आया है मानव जनम,
कुछ समय तो शरण में बिता लीजिये,
बीती जाए उम्र फिर भी है बेखबर,
सिर झुकाये हुए चले आइये,