अब तो किशोरी अपनी नज़र एक कर दो,
कब से खड़ा हु श्यामा,सिर पे हाथ धर दो,
अब तो किशोरी अपनी नज़र एक कर दो,
माना ये मैंने ना मैं ज्ञानी ना ध्यानी,
जैसा हु तेरा ही हु ओ ठकुरानी,
अपने लादले पे लाडो मेहर इक कर दो,
अब तो किशोरी अपनी नज़र एक कर दो
हाथो में राधे तेरे तकदीर मेरी,
तारो न तारो अब ये मर्जी तेरी,
अमृत पिलाओ चाहे मुझे ज़हर देदो,
अब तो किशोरी अपनी नज़र एक कर दो
भटक रहा हु अब तो हुए मैं तुम्हारे,
बता ये गरीब जाये अब किसके द्वारे,
दुबिदा में फसा हु राधे दुविद्या मेरी हर लो,
अब तो किशोरी अपनी नज़र एक कर दो