वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है……
मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रवु सुदशरथ अजर बिहारी ,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है…..
रघुकुल रित सदा चली आई,
प्राण जाये पर वचन ना जाये,
वो तो वचन निभाने वाला है,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है……
संकट से हनुमान छुडावे,
मन क्रम वचन ध्यान जो लावे,
वो तो संकट हरने वाला है ,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है…
भुत पिशाच निकट नही आवे ,
महावीर जब नाम सुनावे,
वो तोभुत भगाने वाला है,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है…
विध्यावान गुनी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर,
वो तो काज सवारने वाला है,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है…
सब सुख लए तुम्हारी शरण,
तुम रक्षक काहू को डरना,
वो तो दर भगाने वाला है,
वो तो लाल लंगोटे वाला है,
वो तो अंजनी का लाला है……