यमुना किनारे हारावाले दा डेरा,
मैनु वि ले चल नाल वे श्यामा,
देखन नु दो नैन तरसदे,
तेरे मिलन दा चाह वे श्यामा।
आधी आधी रात उठ यमुना ते जावा,
ढून्ढ फिरा सारी रात ग्वावा,
किदरे ना मिलिया मैनु तेरिया छावा,
लाँघ गयो केडी राह वे श्यामा,
यमुना किनारे हारावाले दा डेरा......
कोठे ते चढ़ के मै काग उडावा,
आ वे श्यामा तैनू माखन खवामा,
रज रज तेरा मै दर्शन पावा,
कर जावी पूरी चाह वे श्यामा,
यमुना किनारे हारावाले दा डेरा......
तेरी ता मेरी श्यामा प्रीत पुराणी,
तू है सयाना श्यामा मै है नियानी,
बन जावे तेरी मेरी प्रेम कहानी,
वसना है तेरी था विच श्यामा,
यमुना किनारे हारावाले दा डेरा......
जदो दा मै तेरे नाल प्यार वे पाया,
मै ता अपना आप गवाया,
तैनू वि मेरे उत्ते तरस ना आया,
इक वारी दर्श विखा वे श्यामा,
यमुना किनारे हारावाले दा डेरा......