बनी बनी रे जोगन मैं तो तेरे नाम की
बांके बिहारी मेरा सजन है,फिर मुझको किस बात का गम है,
मुझपे मेरे प्रीतम का कर्म है,गेरे किस ते क्यों मुझको गगन,
बनी बनी रे जोगन मैं तो तेरे नाम की
तेरे नाम की ओड चुनरियाँ तेरी जन्नत उनकी दुअरियाँ,
दया का सागर मेरा सांवरियां,
चाहत में उनकी मैं हो गई मगन,
बनी बनी रे जोगन मैं तो तेरे नाम की
क्यों न पिया पे तन मन वारु,
क्यों न साजन का सदका उतारू,
क्यों न इनकी और निहारु,
मेरी बफा बन गई है दुल्हन,
बनी बनी रे जोगन मैं तो तेरे नाम की
सूरदास के नैनं तारे,
श्री हरिदास के प्राणां प्यारे,
यश के तो अरमान तुम्ही हो,
पागल माने है तुमको सजन,
बनी बनी रे जोगन मैं तो तेरे नाम की