मेरा सांवरिया घर आया,
भर भर आये नैन हमारे नीले चढ़ मेरे श्याम पधारे,
मेरा मान बढाया मेरा सांवरिया घर आया,
आज सुध्मा की कुट्टिया में आया श्याम शलोना,
मुझ गरीब के घर आंगन का महका कोना कोना,
अंखिया झूल झूल रोई मेरी मुझको गल्ले से लगाया,
मेरा सांवरिया घर आया...........
कहा बिठाऊ कहा सुलाऊ कुज भी समज नही पाऊ,
तीन लोक के मालिक को मैं क्या क्या भोग लगाऊ,
भोग प्रेम का मुझको लगादे श्याम ने है फ़रमाया,
मेरा सांवरिया घर आया..........
रुखा सुखा कर दिया अर्पण जो भी दिया था मुझको,
मेरा मुझमे कुछ भी नही है कह दिया मेने उसको,
सुनकर मेरी भोली बाते सांवरिया मुस्काए,
मेरा सांवरिया घर आया.........
मुझको भये प्रेम भगत का मैं हु भाव का भुखा,
छोड़ के छपान भोग खा लो रुखा सुखा,
मत कर लोक दिखवा मुझसे रोमी को समजाया,
मेरा सांवरिया घर आया.....