श्रीराम बुला लो मुझे भी दर पर आने के काबिल नहीं हूं,
मैं गुनहगार हूं माफ कर दो,
सर झुकाने के काबिल नहीं है,
श्रीराम बुला लो मुझे भी....
मुझको परवाह नहीं है जमाना,
रूठता है तो रुठे खुशी से,
मुझ को डर है ना तुम रूठ जाना,
मैं मनाने के काबिल नहीं हूं,
श्रीराम बुला लो मुझे भी....
दिल में आ जाओ मेहमान बन कर,
तुम से विनती है रघुवर हमारी,
दर्द दिल में उठा जा रहा है,
जो दबाने के काबिल नहीं है,
श्रीराम बुला लो मुझे भी.....
खुस्क लव आंखें पथरा गई हैं,
धड़कनों का नहीं है भरोसा,
जिंदगी मौत से लड़ रही है,
लव हिलाने के काबिल नहीं है,
श्रीराम बुला लो मुझे भी.....
गम का मारा हूं गम का सताया,
गम ने मुझको परेशा किया है,
तेरे गम में मैं इतना दबा हूं,
गम उठाने के काबिल नहीं है,
श्रीराम बुला लो मुझे भी.....