श्री रामलला की मंगलमय है आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
श्री रामलला की मंगलमय है आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
भक्तों के प्राण कौशल्या लाल
ये अवधपुरी के राजा, ये विष्णु के अवतारा
हरि यही हरिहर भी यही, इन चरणों की आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
श्री रामलला की मंगलमय है आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
भूमि का भार हरने को राम, साकेत धाम से आए, हरि राम रूप में आए।
बजरंग बली के प्राण यही, उस प्राणपुंज की आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
श्री रामलला की मंगलमय है आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
भारत का मान रखने को राम,
एक बार तो फिर से आओ,
फिर सत्य सनातन लाओ
हम सबका तो आधार यही,
उस परमपिता की आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
श्री रामलला की मंगलमय है आरती।
प्राणियों के जीवन को संवारतीं॥
लेखक,गायक- पंडित मनोज नागर