राम कथा घर घर होवे,
होवे अमरत की बरसात,
सतसंग में जो लगे हाजरी,
मिले संतों का साथ,
राम कथा घर घर होवे......
राम नाम के दो बोल हैं मीठे,
भरी चाशनी गात,
घुले जिव्हा पे मन में समाए,
जैसे रस की जात,
राम कथा घर घर होवे.....
जो मुख से राम है कहता,
उसका होता पावन गात,
जिसके हृदय राम बसे हैं,
रहे संग सुखों की सौगात,
राम कथा घर घर होवे.....
सब जीवों का बनके सहारा,
सदा निभाए साथ,
राजीव राम हैं दुख हारा,
एक सच्ची यही बात,
राम कथा घर घर होवे,
राम कथा घर घर होवे,
होवे अमरत की बरसात,
सतसंग में जो लगे हाजरी,
मिले संतों का साथ,
राम कथा घर घर होवे....
©राजीव त्यागी