भोले बाबा मन मुस्काए भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
पहली भामर कैसे पड़ेगी एक पुरुष दो नार,
भोले बाबा समझ गए तो गंगा को दिया है उतार,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
दूजी भामर कैसे पड़ेगी दो है पुरुष एक नार,
भोले बाबा समझ गए तो चंदा को दिया है उतार,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
तीजी भावर कैसे पड़ेगी दो है पुरुष एक नार,
भोले बाबा समझ गए तो नागों को दिया है उतार,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
चौथी भावर कैसे पड़ेगी कोई बाजा नाए,
भोले बाबा समझ गए तो डमरु को दिया है बजाए,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
पांचवी भावर कैसे पड़ेगी कोई बराती नाए,
भोले बाबा समझ गए तो देवों को लिया है बुलाए,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
छठवी भावर कैसे पड़ेगी कोई पंडित नाए,
भोले बाबा समझ गए तो ब्रह्मा को लिया है बुलाए,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....
सातवीं भावर कैसे पड़ेगी कोई सवारी नाए,
भोले बाबा समझ गए तो नंदी को लिया है बुलाए,
भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....