चंदन का है पलना और रेशम की है डोर,
झुला रे झुले ब्रज मे श्री नटवर नंद किशोर,
झुला रे झुले ब्रज मे श्री नटवर नंद किशोर,
चंदन का है पलना....
देख यशोदा मईया मनमन फुले,
आज कन्हैया मेरा पलने मे झुले,
आज खुशी गोकुल मे छाई है चारो ओर,
झुला रे झुले ब्रज मे श्री नटवर नंद किशोर,
चंदन का है पलना....
थपक सुलावे मईया झपक के आचल,
माथै पे टीका जांके आंखो मे काजल,
देवे सखी बधाई यशोदा को कर जोर,
झुला रे झुले ब्रज मे श्री नटवर नंद किशोर,
चंदन का है पलना....
देख हिंडोला सखी नंद नंदन को,
दर्शन करके दुख जाए मेरे मन को,
नंद बाबा के आंगन सब सखिया करे है शोर,
झुला रे झुले ब्रज मे श्री नटवर नंद किशोर,
चंदन का है पलना....
देख छवि भयी खुसी अती भारी
कहाँ छवि बरणो महिमा झूला कि न्यारी,
सारी नगरी देखे प्यारे मोहन की ओर,
झुला रे झुले ब्रज मे श्री नटवर नंद किशोर,
चंदन का है पलना....